द एनिमेशन प्रैक्सिनोस्कोप
प्रैक्सिनोस्कोप
प्रैक्सिनोस्कोप शब्द ग्रीक मूल से हें और इसका मोटे तौर पर अर्थ होता हें 'एक्शन व्यूअर'।
प्रैक्सिनोस्कोप एक एनिमेशन डिवाइस हें जिसका आविष्कार फ्रांस में 1877 में चार्ल्स-एमिल रेनॉड द्वारा
किया गया था। जैसे हर एनिमेशन के साथ होता हें, प्रैक्सिनोस्कोप एक ऑप्टिकल इल्यूजन क्रिएट करता हें।
इसके द्वारा कई स्टेटिक इमेजेस की सिक़्वेंस को तेज अंतराल में दिखाने पर देखने वाले को लगातार चल रही,
मुविंग इमेजेस का आभास होता हें। यह वही इल्यूजन हें जो फिल्म प्रॉजेक्शन को मुविंग इमेजेस जैसा दिखाने
की अनुमति देता हें।सैद्धान्तिक रूप से इस इल्यूजन ऑफ मुवमेंट को 'परसिस्टेन्स ऑफ विजन' के तौर पर रिफ़र
किया जाता हें, और यह कार्य करता हें, क्योंकि आँखे(और ब्रेन) सिर्फ 12 अलग-अलग इमेजेस प्रति सेकंड को
प्रोसैस कर सकती हें, जबकि एक इमेज को सेकंड के 15वे हिस्से तक बनाए रख सकती हें। यदि इस फ्रैक्शन ऑफ
सेकंड के दौरान एक अगली इमेज पहले वाली को रिप्लेस कर दे, तो कंटिन्यूटी का इल्यूजन क्रिएट हो जाता हें।
चार्ल्स-एमिल रेनॉड
आइए देखे प्रैक्सिनोस्कोप कैसे कार्य करता हें : सिक्वेन्शियल ड्राइंग की एक स्टेटिक स्ट्रिप
को एक लूप में रोटेटिंग ड्रम की अंदरूनी वाल पर प्लेस किया जाता हें, जिसका अपना एक केंद्र हें, मिरर के
साथ फिट किया गया एक दूसरा ड्रम इसकी बाहरी वाल पर लगाया जाता हें। जब ड्रम को घुमाया जाता हें, तो तेजी
से घूमने वाली इमेजेस मिरर में रिफ्लैक्ट होती हें और ‘इल्यूजन ऑफ मोशन’ का आभास देती हें, मानो इमेजेस
में जान आ गई हो । रेनॉड की डिज़ाइन में जो इमेजेस मिरर पर रिफ्लैक्ट हुई, वे घोड़े के हवा में दौड़ने वाली
प्रतीत हुई ।
प्रैक्सिनोस्कोप ने अपने मिरर्स को एक इंटर्नल सर्कल के साथ रखा ताकि इमेजेस का रिफ़्लेक्शन स्थिति में कम या
ज्यादा स्थिर दिखाई दें क्योंकि पहिया घूमता है। इसलिए दर्पण में देखने वाले किसी व्यक्ति को इल्यूजन ऑफ
मोशन पैदा करने वाली इमेजेस का तेजी से सक्सेसर दिखाई देगा, जो कि उज्जवल और कम डिफ़ोर्मेट इमेज के साथ होगा।
रेनॉड ने 'प्रैक्सिनोस्कोप थिएटर' वर्ष 1879 में इंट्रोड्यूस किया। यह बॉक्स में छुपा हुआ डिवाइस था जिससे
सिर्फ मुविंग इमेजेस देखी जा सकती थी और साथ में थिएटर की सीनरी। वर्ष 1888 में रेनॉड ने 'थिएटर ऑप्टिक' का
विकास किया, जो स्क्रीन पर इमेजेस प्रॉजेक्शन करने योग्य एक इम्प्रूवड़ वर्शन था और जिसमे पिक्चर्स के लंबे
रोल दिखाए जाने की क्षमता थी।
वर्ष 1892 से उन्होने सिस्टम का उपयोग पैंटोमाइम्स ल्यूमिनसेस- एक हाथ की ड्राइंग से बने एनिमेशन स्टोरीज
के शो का उपयोग बड़ी संख्या में दर्शको के लिए किया । रेनॉड का यह शो अनेक वर्षो तक सफल और लोकप्रिय रहा
जब तक ल्यूमियर ब्रदर्स द्वारा बनाई 'फोटोग्राफिक फिल्म प्रॉजेक्टर' ने चलती फिल्में बनाकर इस शो को
ग्रहण लगा दिया।
नोट- एक बढ़ा 6 फीट लंबा प्रैक्सिनोस्कोप का मॉक-अप, संभवतः विश्व का अपने प्रकार का अकेला, क्रिएटिव
मल्टिमीडिया समूह ने बनाया। बाहुबली फ्रैंचाइज़ के डाइरेक्टर एस.एस. राजामौली ने इसे इनॉगरेट किया,
मॉक-अप को हैदराबाद के अनेक एनिमेशन, वीएफ़एक्स संबंधित इवैंट्स के दौरान प्रदर्शित किया गया। इससे
संबंधित विडियो डीएनए आइएनसी के यूट्यूब चैनल पर देखे
फूटनोट्स-
- 1. प्रैक्सिनोस्कोप में एक स्पिनिंग सिलेंडर के साथ ड्रम की अंदरूनी दीवाल पर 10 इमेजेस और इनर
ड्रम की
सेंट्रल वाल पर 10 मिरर लगे । मिरर इस प्रकार लगे हें कि जब व्हील घूमता हें, मिरर इमेजेस का तेजी
से
प्रतिबिंब दिखाता हें जिससे इल्युजन ऑफ मोशन का आभास होता हें।
- 2. लूई एव अगस्टे ल्यूमियर ब्रदर्स का सिनेमेटोग्राफी पर 26.12.1895 को पहले पैड पब्लिक
स्क्रीनिंग,
जिसे सिनेमा के जन्म के तौर पर व्यापक तौर पर देखा जाता हें।